कोलारस - मुस्लिम समुदाय के नव वर्ष माह मोहर्रम के उपलक्ष्य में वार्ड 13 के निवासी अपने परिवार के मुखिया को अजरों सबाब एव यादे हुसेन के शुभ अवसर पर मरहूम रियाज की मंसुरी के नक्शे कदम . पर उनके परिवार वालों ने छवील लगाकर तमाम तजियादारों एवं शहर वालों का इस्तकवाल किया । मुहरम का इतिहास 662 ईश्वी पूर्व का है । मुहर्रम के महीने मे दस दिन इस्लाम की रक्षा के लिए हजरत इमाम हुसैन ने अपने जीवन की कुर्वानी दे दी थी । मुहर्रम मुसलमानो के लिए अपने विश्वाश और त्याग न्याय और दृढता के सिद्धांतों पर चिंतन करने का समय होता है । इस अवसर पर जनाव रमजान अली ओ०पी० भार्गव . शहजाद खान हमीद खान आजाद खान सईदा खान फैवादरवान नौशे खान साजिद हुसेन शाकिर हुसैन नौशाद हुसेन इमरान मंसुरी नन्ने मुन्ने बच्चे युवाओं- युवतियो की भीड़ उमड़ती हुई देखी गई । कोलारस नगर में मोहर्रम के अनेक ताजिए नगर में देखे गए ।
कोलारस में छोटे नन्ने बच्चों ने बनाए मोहरम के ताजिए मुहर्रम मुसलमानों के लिए अपने विश्वाश त्याग , न्याय के चितंन का समय
byPublicsamachar24
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