बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन हर विवाह आयोजन पर रखेगा नजर


देवउठनी ग्यारस पर बड़ी संख्या में होते है विवाह आयोजन

शिवपुरी-देवउठनी ग्यारस को शुभ मुहूर्त होने से बड़ी संख्या में विवाह आयोजन होते है। इन विवाह आयोजनों में बाल विवाह होने की भी संभावनाएं होती है। इसके लिए कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी ने सभी विकासखंड स्तरीय एवं ग्राम स्तरीय अधिकारियों को सजगता से हर विवाह आयोजन पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।

बाल विवाह रोकथाम के लिए बने कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए म.प्र. शासन द्वारा जिला स्तर पर कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत को, तहसील स्तर पर एसडीएम को, विकासखंड स्तर पर सीईओ जनपद एवं परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व प्रदेश में बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी कलेक्टर को बनाया गया था।

विवाह के समय यदि वर की आयु 21 वर्ष तथा वधु की आयु 18 वर्ष पूर्ण होना आवश्यक है। यदि इस आयु से पहले विवाह होता है तो वह बाल विवाह माना जाता है। बाल विवाह के लिए कानून में 3 वर्ष की सजा और एक लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। कानून में विवाह में सहयोग करना भी अपराध माना गया है।

बाल विवाह को लेकर यहां दे सकते है सूचना

बाल विवाह की जानकारी होने पर कोई भी व्यक्ति चाइल्ड लाइन नंबर 1098, महिला हेल्पलाइन नंबर 181, पुलिस डायल 100 या वन स्टॉप सेंटर 07492356963 पर सूचना दे सकते है। इसके अलावा संबंधित थाना प्रभारी या संबंधित परियोजना के महिला बाल विकास कार्यालय में सूचना दी जा सकती है।

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