सत्यम शर्मा ◾शिवपुरी◾ जिले के जनपद पंचायत कोलारस की ग्राम बैड़ारी के हिंगलाज देवी के मंदिर पर शुक्रवार को मियाबाकी पद्धति से पौधे रोपण किये गए जिसमें 35 प्रजाति के 1200 से अधिक पेड़ पौधे लगाए गए मियावाकी पद्धति से पौधारोपण करने का मतलब है। कम जगह में घने जंगल बनाना इस विधि का उपयोग करके छोटे से इलाके में भी प्राकृतिक जंगल बनाया जा सकता है। मियावाकी पद्धति को जापानी वनस्पति वैज्ञानिक अकीरा मियाबाकी ने विकसित किया था इस पद्धति में फल फूल औषधि तथा छाया वाले पेड़ पौधे लगाए जाते हैं। इस पद्धति का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक जीवन को सुधारना और पर्यावरण को संरक्षित रखना है। तपोवन लगाने के लिए सर्वप्रथम लेआउट डालने के बाद उस जगह की 1 मीटर मिट्टी को बाहर निकालने एवं 1 माह बाद गड्ढे की गर्मी को निकालने के लिए बारिश के पानी को भरने एवं पानी सूखने के उपरांत उसमें सरसों, नीम,खली भूसा, पत्ती ट्राईकोडर्मा एवं गोबर की खाद को गड्ढे में डालने के बाद जो मिट्टी निकाली गई थी उसको उसे गड्ढे में भर के खेत के लेवल बनाने के बाद पेड़ पौधे एक साल में वृद्धि कर वन का रूप ले लेते है। इस अवसर सृजन संस्था के कार्यकर्ता आशीष अंवस्टा (प्रोग्राम मैनेजर) अनिल डोरिया (प्रोजेक्ट मैनेजर), ममता कुमारी, धर्मराज जोशी, रोहन कुमार, मनीष कुशवाहा, राहुल प्रजापति, जितेंद्र रघुवंशी, सुरेंद्र कुशवाहा, दिग्विजय सिंह, पहलवान कुशवाहा, आनंद नामदेव, अभिलाष गुप्ता, राकेश धाकड़ सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
🌅 सृजन संस्था से जुड़े गांवों के नाम इस प्रकार है।
भाटी, देहरदा, अमरपुर, सेमरी, पांचवली, पनवारी, किलावनी,
भड़ौता चक्क, बैड़ारी,, गिलगांव, रिझारी, चंदेनी, भाटौआ, नेतवास से लगभग 200 से अधिक महिलाएं उपस्थित रही। एवं ग्राम बैड़ारी के वासी उपस्थित रहे।